श्याम ज्योत का महत्व
श्री श्याम ज्योत लेने की विधि
श्याम प्रेमियों, हर महीने के शुक्ल पक्ष की द्वादशी (बारस) को बाबा श्याम की ज्योत प्रत्येक श्याम प्रेमी को अपने-अपने घर पर अवश्य लेनी चाहिए।
यदि आप उस दिन खाटू में भी हों, तो भी शुक्ल पक्ष की द्वादशी को वहां भी ज्योत लेनी चाहिए।
बाबा की ज्योत कैसे लें? जानिए –
सबसे पहले घर के मंदिर में प्रातः स्नान आदि करके मंदिर की सफाई करें और ज्योत की तैयारी करें।
ज्योत के लिए आवश्यक सामग्री:
- उपले
- घी
- रोली, मोली, चावल (अक्षत)
- भोग के लिए प्रसाद (यथासंभव घर पर बना खीर या चूरमा)
- (प्रसाद दो जगह लें—एक ज्योत के लिए, दूसरा बाबा की छवि के सामने, जिसमें तुलसी पत्र डाल दें)
- नारियल या गट्ट
- ज्योत के लिए थाली, दीपक, और रूई
- आरती के लिए दीपक
ज्योत लेने की प्रक्रिया:
- बाबा के समक्ष भोग अर्पित करें।
- भोग में मेवा, फल, पान आदि जो भी संभव हो, अर्पित करें।
- भोग में तुलसी पत्र अवश्य रखें।
- यदि संभव हो तो खीर या चूरमा का भोग अवश्य लगाएं, क्योंकि यह बाबा का अत्यंत प्रिय भोग है।
- ज्योत के लिए एक थाली लें और उसमें बीचोबीच स्वस्तिक बनाकर एक दीपक रखें।
- दीपक के नीचे चावल रखें और घी में लंबी बाती डालकर ज्योत प्रज्वलित करें।
- जब उपले जलकर पूरी तरह से राख बन जाएं, तब दीप प्रज्वलित कर दें और बाबा का ध्यान करते हुए अपनी घर पर रखी हुई ज्योत उसमें मिला दें।
- जब तक ज्योत प्रज्वलित रहती है, तब तक बाबा के भजन-कीर्तन करें।
- ज्योत आने के बाद भोग लगाएं, नारियल अर्पित करें, रोली के छींटें दें, अक्षत अर्पण करें और दंडवत प्रणाम करें।
बाबा की ज्योत का महत्त्व
जो भी भक्त हर शुक्ल पक्ष की द्वादशी (बारस) को बाबा की ज्योत लेता है, उसके घर-आंगन में सदैव खुशियां बनी रहती हैं।
बाबा श्याम कलियुग के देवता हैं, उनकी पूजा हर घर में होनी चाहिए।
अगर आप बाबा की हर बारस को ज्योत लेंगे, तो आपके सारे कार्य सिद्ध होंगे और घर में सुख-शांति बनी रहेगी।
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