होली के दूसरे दिन श्याम बाबा के आगे गरुड़ जी को क्यों विराजा जाता है?
होली के दूसरे दिन बड़ी पूर्णिमा का विशेष महत्व है, और इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से अत्यधिक पुण्य फल प्राप्त होता है। चूंकि खाटू श्याम जी का शीश शालिग्राम स्वरूप माना जाता है और शालिग्राम स्वयं भगवान विष्णु का प्रतीक हैं, इसलिए उनके समक्ष गरुड़ जी को विराजित किया जाता है।
गरुड़ जी को विराजित करने के मुख्य कारण:
- भगवान विष्णु के वाहन – गरुड़ जी भगवान विष्णु के वाहन हैं और उनकी सेवा में सदैव रहते हैं। इसलिए श्याम बाबा (जो विष्णु अवतार श्रीकृष्ण के रूप माने जाते हैं) के साथ गरुड़ जी की उपस्थिति स्वाभाविक है।
- पूर्णिमा और विष्णु पूजा का संबंध – बड़ी पूर्णिमा पर विष्णु भगवान की विशेष पूजा होती है। गरुड़ जी की उपस्थिति से यह पूजा और अधिक फलदायी मानी जाती है।
- रक्षा एवं विजय का प्रतीक – गरुड़ जी को शक्तिशाली, संकटमोचक और भक्तों की रक्षा करने वाला माना जाता है। उनकी उपस्थिति शुभ मानी जाती है और भक्तों को आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- परंपरागत आस्था – यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है और इसे बहुत ही पवित्र और शुभ माना जाता है।
इसलिए बड़ी पूर्णिमा के दिन खाटू श्याम बाबा के आगे गरुड़ जी को विराजित कर दोनों की पूजा की जाती है, जिससे भक्तों को विष्णु कृपा प्राप्त होती है और जीवन में शुभता आती है। 🙏✨
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